I was raped but I did not give up my Life ! - मेरे साथ रेप हुआ लेकिन मैंने अपनी जान नहीं दी ! - MyAlfaaz

Latest

MyAlfaaz - The Library of Quotes.

Monday, May 31, 2021

I was raped but I did not give up my Life ! - मेरे साथ रेप हुआ लेकिन मैंने अपनी जान नहीं दी !

मेरे साथ रेप हुआ लेकिन मैंने अपनी जान नहीं दी !

    नमस्कार दोस्तों एक बार फिर स्वागत हैं आप का myalfaaz.com परिवार पर, आशा करते हैं की इस महमारी के काल में आप कुशल मंगल होंगे और उमीद हैं की आप इसके बचाव के साथ साथ सभी नियमो का पालन कर रहे होंगे 

    दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने एक नरपशु से शिकार हुई उने नन्ही बच्चियो के दर्द को अपने शब्दों में बंधने की कोशिश की हैं, जो अपने परिवार की आर्थिकी स्थति के कारण अपनी आवाज नहीं उठा पाती और कैसे अपने अंदर ही सारा दर्द समये रखती हैं फिर भी वे अपने जीवन से हर नहीं मानती और वो अपनी कड़ी मेहनत और जज्बे से न केवल एक सफल नारी बनती हैं, बल्कि भविष्य में किसी के साथ कोई ऐसा अपराध करने की सोचे भी ना, के लिए लडती रहती हैं


I was raped but I did not give up my Life ! - मेरे साथ रेप हुआ लेकिन मैंने अपनी जान नहीं दी!



मेरे साथ रेप हुआ लेकिन मैंने अपनी जान नहीं दी!
    सोलह साल की उम्र में मेरा रेप किया गया। मुझे निशाना बनाया गया क्योंकि मैं असुरक्षित थी, क्योकि मेरे माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं थे की वो हमें अच्छी सूविधा दे सके, वे केवल वही दे सकते थे जो उनके पास था। ये सब बलात्कारी अच्छी तरह से जानता था। वह जानता था कि अगर उसने कोशिश की तो हम उसका कुछ भी नहीं कर पाएंगे। मैंने उसका यह घिनोना रहस्य पांच साल तक अपने भीतर दबाये रखा और इसने मुझे लगभग मार डाला। मैंने ये सब भुलाने के लिए व्यसन, शराब और एनोरेक्सिया में सात साल बिताए, जिसके परिणामस्वरूप आघात को रोकने की कोशिश की गई।

I was raped but I did not give up my Life ! - मेरे साथ रेप हुआ लेकिन मैंने अपनी जान नहीं दी!


सचमुच, ये जो कुछ हुआ था, उसके अहसास मात्र से मेरा दिमाग तब तक बंद हो जाता था जब तक कि मैं इससे निपटने में सक्षम नहीं हो जाती…। 
फिर एक दिन मैं अपने लिए खड़ा हो गई, मैंने काम करना शुरू कर दिया, एक नौकरी कर ली।
शिक्षक की नोकरी कर ली, यह सब मेरे लिए आसान नहीं था, यह मेरे लिए एक कठिन घड़ी थी। अपनी कक्षा में पढ़ाते समय मैं कभी-कभी खो जाती और वही आदमी और उसकी यातना मेरी आँखों के सामने घुमने लग जाती। मैं बाजार में चलते-चलते जम जाती, मॉल में, बस में जम जाती। हर बार मुस्कुराती हुई लड़कियों को देखकर आंसू गिर जाते हैं, हाँ उनको मुस्कुराता देख मेरे भी दिल खुश हो जाता है लेकिन सवाल करता है कि "इस खुशी का हिस्सा मुझसे क्यों छूट गया
मेरे बचपन का वो बचपना कहा छुट गया?" फिर मेरा धार्मिक पक्ष शुरू हो जाता मैं
भगवान से सवाल करने लगती और सोचती जब मैं दर्द और अपराधबोध में डूब रही थी तो वह कहां थे... जब मेरा बलात्कार किया जा रहा था तो उसने मदद क्यों नहीं की?
मैंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी क्योंकि मैं छात्रों को पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकती थी।
पुनर्वसन में 1 साल के बाद जैसे कि मैंने कुछ गलत किया है, मैं केंद्र की दीवारों को कूद कर अपनी दादी के घर भाग आई। उसने मेरा ख्याल रखा। फिर मैंने मनोविज्ञान का अध्ययन शुरू किया, इससे मुझे अपने भीतर के डर से निपटने में मदद मिली। फिर, मैं मेडिसिन की पढ़ाई के लिए अमेरिका गई।

आज, मैं नई दिल्ली के शीर्ष पायदान के अस्पताल में से एक में नैदानिक ​​​​मनोचिकित्सक हूं।
मैं सिर्फ इतना कहना चाहती हूं, कि अगर आप खामोशी से पीड़ित हैं और शर्म से भस्म हो रहे हैं और खुद को दोष दे रहे हैं, तो यह सब विचार अपने मन से निकल दीजिये क्योकि ये सब आपकी गलती नहीं थी, न ही कभी होगी... हमारा समाज एक साथी इंसान की मदद करने के लिए बहुत जर्जर और आत्म-सचेत है। मजबूत बनो, वापस लड़ो।काफी मत रखो।
आपको अपने लिए खड़ा होना होगा।आप
बस हार नहीं मान सकता !!


 I was raped but I did not give up my Life !


I was raped but I did not give up my Life ! - मेरे साथ रेप हुआ लेकिन मैंने अपनी जान नहीं दी!


    I was raped at sixteen. I was targeted because I was vulnerable, my parents were not that great to say the least, they could only give what they had. the rapist knew I would not be heard even if I

tried. I kept his secret for five years and it nearly killed me. I spent seven years in addiction, alcoholism and anorexia which resulted as a way to try to block the trauma out.

Literally, my mind used to shut out parts of what happened to try and get me through until a time I was able to begin to deal with it….I stood up for myself,i started working,took up a job of a

teacher,It wasn’t easy ,it was a tough ride. While teaching in my class, I would be lost sometimes and the same man and his torture would flash back in front of my eyes. I would freeze while walking in the market,malls,just freeze. Tears dropped every time I used to see smiling girls,my heart felt happy but questioned “why have I missed this happy part

of my childhood?” My religious side started

questioning god and where was he when I was drowning in pain and guilt….Why did't he help when I was being raped?

I quit my job of a teacher because I couldn’t concentrate on teaching students.

After 1 year in a rehab as if I had done some wrong, I jumped the walls of the center and ran to my Grand ma’s home. She took care of me. I started studying Psychology,it helped me to deal with the fears within me. Then ,i went to US to study medicine.


Today ,I’m a clinical Psychiatrist in one of the top notch hospital in New Delhi.

I just wanna say, that if you are suffering in silence and consumed with shame and # blaming yourself,it was not your fault,nor ever will it be… Our society is too shabby and self conscious to help a fellow human being. Be Strong ,fight back.Don’t keep quite .

YOU HAVE TO STAND UP FOR YOURSELF.YOU

JUST CAN'T GIVE UP!!

No comments:

Post a Comment